जलालुद्दीन मलिक फिरोज खिलजी || Indian History
जलालुद्दीन मलिक फिरोज खिलजी
(1290-1296)
1.) मलिक फिरोज खिलजी ‘खिलजी वंश का संस्थापक था, सत्ता स्थापित करने के बाद खिलजी ने जलालुद्दीन की पदवी धारण की
2). खिलजी वंश के शासन के समय भारतीय समाज में काफी राजनीतिक और आर्थिक बदलाव आए इस कारण खिलजी वंश को एक क्रांति के रूप में देखा जा सकता हैं
3). खिलजी क्रांति से तात्पर्य
● सत्ता पर अमीर वर्ग की समाप्ति।
● योग्यता के आधार पर अधिकारियों का चयन किया जाना
● शासन करने के लिए जाति और नस्ल आधारित भेदभाव खत्म।
● प्रशासन का सामाजिक विस्तार किया गया।
4). जलालुद्दीन खिलजी ने अपना जीवन एक सैनिक के रूप में शुरू किया और कई मंगोल आक्रमणकारियों के साथ संघर्ष किया और सफलता हासिल की।
5). 13 जून 1290 के किलोखरी महल में जलालुद्दीन फिरोज खिलजी का राज्याभिषेक हुआ यह महल कैकुबाद द्वारा निर्मित था। जलालुद्दीन ने किलोखरी को ही अपनी राजधानी बनाया।
6). कैकुबाद ने जलालुद्दीन को ‘शाइस्ता खाँ’ की उपाधि दी। कैकुबाद के समय जलालुद्दीन समाना का सूबेदार था।।
7). जलालुद्दीन खिलजी सुल्तान बनने से पहले आरिज-ए-मुमालिक (सैन्य विभाग का प्रमुख) था।
8). जलालुद्दीन खिलजी जब दिल्ली सल्तनत का सुल्तान बना तब उसकी उम्र 70 वर्ष थी। जलालुद्दीन खिलजी एक उदार एवं शांति प्रिय इंसान था।
9). जलालुद्दीन ने बलबन की रक्त एवं लौह की नीति त्यागकर एक उदार नीति अपनाई। और जनता की इच्छा को ही अपने शासन का आधार बनाया।।
10). जलालुद्दीन खिलजी ने एक ईरानी फ़क़ीर सीदी मौला को हाथी के पैरों तले कुचलवा दिया। ये जलालुद्दीन का एकमात्र कठोर कार्य था
11). जलालुद्दीन खिलजी में मंगोलों के साथ संधि करली और अपने साम्राज्य में विस्तार भी नही किया।
12). जलालुद्दीन खिलजी के समय लगभग 4000( कई किताबों में 2000) मंगोलों ने इस्लाम धर्म स्वीकार किया और दिल्ली के पास मुग़लपुर में बस गए और और नवीन मुस्लिम कहलाए।
13). 1294 में दक्षिण भारत मे पहला पहला मुस्लिम आक्रमण जलालुद्दीन खिलजी के भतीजे अलाउद्दीन खिलजी ने दक्षिण भारत में देवगिरी के शासक रामचन्द्र देव पर आक्रमण कर उसे पराजित किया।
14). 1290 में जलालुद्दीन ने रणथंभौर की घेराबंदी यह कहते हुए हटा दी कि ‘मुसलमान के सिर के एक बाल की कीमत ऐसे 100 किलो से भी ज्यादा समझता है‘।।
15). जलालुद्दीन खिलजी के समय रणथम्भौर के शासक राजा हम्मीर देव चौहान थे। राजा हम्मीर देव चौहान के लिए कहा जाता है कि ‘ सिंह सुवन, सत्पुरुष वचन, कदली फलै इक बार, तिरिया तेल हमीर हठ, चढ़ै न दूजी बार’.
अथार्त – शेर एक ही बार संतान को जन्म देता है, सज्जन लोग एक ही बार बात कहते है, केला एक ही बार फलता है, स्त्री को एक ही बार तेल चढ़ता है यानी एक ही बार शादी होती है उसी प्रकार हम्मीर देव ने जो एक बार ठान लिया उसके लिए दुबारा नही सोचते।
16). राजा हम्मीर देव चौहान ने अलाउद्दीन खिलजी को 3 बार पराजित किया था।
17). जुलाई 1296 में अली गुर्शास्प ने जलालुद्दीन को कड़ा बुलाकर चाकू मारकर हत्या कर दी सत्ता पर अपना अधिकार जमा लिया। अलाउद्दीन खिलजी ने जलालुद्दीन के पूरे परिवार का कत्ल कर दिया था।
प्रागैतिहासिक काल के महत्वपूर्ण प्रश्न – इतिहास
ताम्र पाषाण काल से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न
सिन्धु घाटी सभ्यता से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न
Tags- खिलजी वंश से संबंधित प्रश्न, तुगलक वंश, अलाउद्दीन खिलजी को किसने मारा, महमूद खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी की बाजार नियंत्रण व्यवस्था, जलालुद्दीन मंगबरनी, झाइन दुर्ग, अलाउद्दीन खिलजी इतिहास, किलोखरी का महल, मुबारक खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधार, खिलजी क्रांति का वर्णन, दिल्ली सल्तनत का परिचय, कैकुबाद, अलाउद्दीन ने भारत के किन-किन राज्यों को जीता
2 thoughts on “जलालुद्दीन मलिक फिरोज खिलजी || Indian History”