अकबर के बारें में ख़ास बातें || भारत का इतिहास
अकबर के बारें में ख़ास बातें
1). अकबर को भारत में सबसे सहिष्णु मुगल शासकों में गिना जाता है अकबर ने अपने जीवनकाल में कई लड़ाइयां जीतीं जबकि कुछ में उसे हार का सामना करना भी पड़ा। कुछ अच्छे काम भी किए और कुछ काम ऐसे भी जिनके कारण उन पर कलंक लग गया | अकबर के बारें में
2). अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को अमरकोट में हुआ। इनके पिता का नाम हुमायूँ व माता का नाम हमीदा बानो बेगम था। अकबर का बचपन का नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था
3). अकबर 13 वर्ष की आयु में गद्दी पर बैठा। इसके बाद 20 फरवरी 1556 को दिल्ली पहुँचने के बाद अकबर का दूसरी बार राज्याभिषेक होता है, इस तरह अकबर का 2 बार राज्याभिषेक होता है।
4). पानीपत का द्वितीय 5 नवम्बर 1556 को हुआ यह युद्ध हेमू व अकबर के बीच हुआ, इस युद्ध में अकबर की विजय हुई। इस युद्ध में मुख्य नेतृत्व बैराम खाँ के हाथों में था। इस युद्ध के बाद अकबर दिल्ली व आगरा का शासक बना।
5). संरक्षक महाम अनगा व उसकी बेटी जीजी बानो के प्रभाव में आकर अकबर 2 साल के लिए(1560-62) अपने दरबार की हरम स्त्रियों के बीच चला जाता है। इसे समय को पेटिकोट शासन के नाम से जाना जाता है
6). अकबर का सेनापति बैरम खान उसके सबसे खास और भरोसेमंद लोगों में से एक माना जाता था।
लेकिम बैरम खान की मौत के बाद अकबर ने उसकी पत्नी से शादी कर ली थी, जो की उम्र में उसकी मां के समान थी। ऐसा बताया जाता है कि अकबर को बचपन में उसने ही पाला था क्योंकि बैराम खाँ अकबर का संरक्षक था।
7). अकबर ने विश्व का सबसे ऊँचा प्रवेश द्वार बुलन्द दरवाजा फतेहपुर सीकरी में बनवाया।
8). अकबर के शासनकाल मे ही 1580 में पहला ईसाई मशीनरी समूह पुर्तगाल से आया था। जिसका नेतृत्व कर्ता फादर एक्वागीवा थे
9). अकबर ने दिन-ए-इलाही धर्म की स्थापना की थी। इस धर्म की स्थापना 1582 में हुई, यह धर्म अकबर की सुलह कुल नीति पर आधारित था। इस धर्म का एकमात्र हिन्दू अनुयायी बीरबल था। इतिहासकार इस कार्य को अकबर की मूर्खता बताते है।
10). सबसे पहले आमेर के राजा भारमल या बिहारीमल ने अकबर की अधीनता स्वीकार की और अपनी पुत्री हरकाबाई (जोधा बाई) का विवाह अकबर से कराया। अकबर ने जोधा बाई को नया नाम मरियम दिया। और उज्जमानी नाम सलीम ने दिया। इसी कारण मुगल इतिहास में जोधा बाई ‘मरीयम उज्जमानी’ के नाम से प्रसिद्ध हुई।
11). 1567-68 में अकबर ने मेवाड़ अभियान शुरू किया इस समय मेवाड़ के शासक उदयसिंह थे, मेवाड़ पर आक्रमण का नेतृत्व स्वयं अकबर ने किया। उदयसिंह ने किले की सुरक्षा का भार अपने दो सेनापतियों जयमल एवं फत्ता (फतेह सिंह) को सौंपकर पहाड़ियों में चले गए।
अकबर ने मेवाड़ आक्रमण के दौरान 40,000 राजपूतों का कत्ल करवा दिया। जो कि अकबर के ऊपर सबसे बड़ा कलंक माना जाता है
12). 1568 में हुए इस युद्ध में जयमल व फत्ता की वीरता देखकर आगरा के किले के दरवाजे पर जयमल एवं फत्ता की वीरता की स्मृति में उनकी प्रस्तर मूर्तियां स्थापित करवाई।
13). इतिहासकारों के मुताबिक अकबर को जंगली जानवरों को पालतू बनाने का शौक था। उसके महल में करीब 1 हजार पालतू चीता थे और अकबर अपने पसंदीदा चीता मदन काली को खुद खाना खिलाता था।
14). हल्दीघाटी का युद्ध 1576 में महाराणा प्रताप व अकबर के मध्य हुआ।
15). अकबर अपने खान-पान और वक्त की पाबंदी का बहुत ख्याल रखता था। वो एक दिन में केवल साढ़े चार घंटे सोता था। अंतिम समय मे अकबर शाकाहारी हो गया था और पूरे दिन में केवल एक ही बार खाना खाता था।
16). अकबर की मृत्यु 25 अक्टूबर 1605 को अतिसार बीमारी के कारण हुई। कई इतिहासकारों का मानना है कि जहांगीर ने ही जहर देकर अकबर की हत्या करवाई थी।
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