विश्व म्यूजियम दिवस की शुरुआत | International Museum Day
विश्व म्यूजियम दिवस की शुरुआत
म्यूजियम शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के माउसियन शब्द से हुई है, जिसका अर्थ एकांत में अध्ययन करने का मंदिर होता है, विश्व का पहला म्युजियम अलेक्जेंड्रिया में ईसा में 3 शताब्दी पहले बनाया गया था इसमें शोधकर्ताओं को ज्ञान प्रदान करने वाली विश्व की अनेक वस्तुओं का संग्रह किया जाता था विश्व म्यूजियम दिवस
इसके बाद ऐसे म्यूजियम की स्थापना हुई जिसमें विविध यंत्र, जानवरों की खालें, हाथ, दांत, आदि रखे जाते थे और 19 वीं शताब्दी में राजा महाराजाओं ने म्यूजियमों की स्थापना में विशेष सहयोग दिया। फ्रांस की राज्य क्रांति के बाद म्यूजियम सामान्य व्यक्तियों के लिए खोल दिए गए थे
1830 में जर्मनी के बर्लिन शहर में फाल्टेस म्यूजियम का निर्माण किया गया यह आधुनिक ढंग से बना सबसे पुराना संग्रहालय ऑक्सफोर्ड में है जो 1679 में बना था। 1874 में स्थापित अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री को सबसे बड़ा म्यूजियम होने का दर्जा प्राप्त है । म्यूजियमों में अनेक दुर्लभ वस्तुएं संग्रहीत होती है, इसलिए उन्हें विशेष सुरक्षा प्रदान की जाती है।
म्यूजियम दिवस
इसकी शुरूआत म्यूजियम के प्रति लोगों में जागरूकता लाने, संरक्षित करने में लोगों के योगदान के लिए संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेशनल म्यूजियम दिवस मनाने की शुरूआत की थी
पहली बार म्यूजियम दिवस 1983 में मनाया गया था और प्रति वर्ष 18 मई को वर्ल्ड म्यूजियम दिवस मनाया जाता है।
भारत में म्यूजियम का इतिहास
भारत में म्यूजियम का इतिहास काफी पुराना है। भारत का पहला म्यूजियम 1814 में कलकत्ता में खोला गया था
एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल द्वारा स्थापित यह म्यूजियम एशिया सबसे पुराना और सबसे बड़ा म्यूजियम है।
इस म्यूजियम को इस उद्देश्य से खोला गया था कि जिससे यहां की कलात्मक वस्तुओं को संग्रह कर देश से बाहर ले जाया जा सके
इस म्यूजियम में संग्रहीत कई दुर्लभ व कलात्मक वस्तुओं को अंग्रेज शासको द्वारा इंग्लैंड भेज दिया गया था
भारत में सबसे बड़ा | ऊंचा एवं लंबा |
सिन्धु घाटी की सभ्यता से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न
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