3 जून – विश्व साइकिल दिवस
3 जून – विश्व साइकिल दिवस
सम्पूर्ण विश्व में आज यानी 03 जून को विश्व साइकिल दिवस (World bycycle day) मनाया जाता है। यू तो जब से भारत आजाद हुआ उसके बाद से ही लोग साइकिल का प्रयोग निरंतर कर रहे है परंतु वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक रूप से विश्व साइकिल दिवस 03 जून को मनाये जाने की घोषणा की थी इसी अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NMDC) द्वारा आयोजित एक साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर इस दिन का आगाज किया। इसके साथ ही NMDC की जन भागीदारी योजना के स्मार्ट साइकिल स्टेशन का उद्घाटन किया था। तभी से प्रत्येक वर्ष 03 जून विश्व साइकिल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
यह दिवस परिवहन के एक सरल किफायती और मुख्य रूप से पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है। साइकिल का अविष्कार का श्रेय जर्मनी के कार्ल वार्न ड्रैस( karl von Draise) को दिया जाता है दुनिया की पहली साइकिल सन् 1817 में वार्न ड्रैस द्वारा बनाई गई थी। इस दिवस को मनाए जाने का प्रमुख उद्देश्य बच्चों व युवाओं में बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाना, बीमारी में रोकथाम , स्वास्थ्य को बढ़ावा देने , सहनशीलता व आपसी समझ विकसित कर सामाजिक परिवेश को सुगम बनाना है।
प्रत्येक वर्ष विश्व साइकिल दिवस विकास रणनीतियों के मुद्दों से निपटान, साइकिल पर विशेष ध्यान देने और सड़क सुरक्षा में सुधार करने के साथ साथ स्थाई गतिशीलता और परिवहन के बुनियादी ढांचे की योजना और एकीकरण के लिए सदस्य राष्ट्रों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। विश्व में सतत् विकास के साथ यातायात के साधन में रूप में भी साइकिल की महत्ता है।
विश्व साइकिल दिवस 2021 का विषय
इस बार 2021 में विश्व साइकिल दिवस (World bycycle day) की थीम “ यूनिकनेस, वर्सेटेलिटी, लॉन्गिविटी ऑफ द बायसाइकिल एंड सिंपल, सस्टेनेबल, एफोर्डेबल मींस ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ” रखी गई है जो को आमजन को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित कर रही है इस विषय में समझाया गया की साइकिल चलाना कितना किफायती भी है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से इस दिन का महत्व
यूरोपीय देशों में साइकिल के प्रयोग का विचार लोगो के मस्तिष्क में 18 वीं शताब्दी में आया था।सम्पूर्ण विश्व में साइकिल चलाने को सेहत के जोड़ने का चलन काफी पुराना है साथ ही ऐसा माना जाता है कि स्वास्थ्य को दृष्टि से साइकिल एक महत्पूर्ण साधन है। साइकिल दिवस मनाने का उद्देश्य आमजन को स्वास्थ्य व पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाना है, स्वास्थ्य की दृष्टि से साइकिल चलाने के अनगिनत फायदे है जिनसे कई बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। साइकिल के उपयोग से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम होता है एवं साइकिलिंग स्वस्थ्य जीवन की ओर ले जाती है, इसी के साथ साइकिल से यात्रा करने पर स्वास्थ्य जोखिम कम रहता है।
भारत में साइकिल का इतिहास
भारत में भी साइकिल के पहियों ने आर्थिक तरक्की में अहम भूमिका निभाई है देश में साइकिल मुख्य यातायात व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा रही है खासतौर पर 1960 से 1990 के दशकों में ये तरक्की अपनी चरम सीमा पर थी। गांवों व शहरी क्षेत्रों में डाक विभाग का पूरा तंत्र साइकिल पर ही निर्भर था।