वैदिक काल से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
भारत का इतिहास अपने आप में सर्वोपरि रहा है। या यू कहे की समूचे विश्व में सबसे पुराना और वैभवपूर्ण इतिहास ही भारत का रहा है। उपमहाद्वीप भारत ने हमेशा बहुत आक्रमण सहे है पर इन आक्रमणकारियों को भी भारत की पावन धरा ने अपनाया है। चाहे वो मुस्लिम आक्रमण हो अंग्रेजो के आक्रमण।
भारतीय संस्कृति भी अपने आप में वैभवपूर्ण है, भारतीय संस्कृति को भारत पर आक्रमण करने वाले आक्रमणकारियों ने अपनाया अपितु पूरे विश्व मे इसका विस्तार भी किया।
जो भारत की पावन धरा पर आया वो भारत का ही होकर रह गया। इसीलिए तो भारत की समूचे विश्व का विश्वगुरु कहते है।
भारत के इतिहास को हम तीन भागो में पढ़ते है।
1). प्रागैतिहासिक काल
2).आद्य ऐतिहासिक काल
3). ऐतिहासिक काल
प्रागैतिहासिक काल
इस काल का इतिहास लगभग 1 लाख ईसा पूर्व से लेकर 10,000 ईसा पूर्व तक है।
इस काल के अवशेष हमें बेलन नदी घाटी, सोहन नदी घाटी, नर्मदा नदी घाटी, और भोपाल के पास ‘भीमबेटका’ चित्रित शैलाश्रय प्राप्त हुए है।
ताम्रपाषाण कालीन संस्कृतियां:-
आज से लगभग 5,000 ईसा पूर्व मनुष्य ने पत्थर के साथ साथ तांबे का भी उपयोग शुरू कर दिया था।
सिंधु घाटी सभ्यता:-
सिन्धु घाटी सभ्यता का इतिहास 2500 से ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व माना गया है। नए शोधों के अनुसार इस सभ्यता को 8000 वर्ष पुराना माना गया है।
सिन्धु घाटी सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी। और आज की नगरीय योजना से काफी बेहतर थी। क्योंकि वो व्यवस्था पर्यावरण के अनुकूल थी। जैसे कि जल निकासी की सुविधाएं,
आज की नगरीय व्यवस्था में सिर्फ कूड़ेदान, कचरा और गंदगी ही देखने को मिलती है। हम लोगों ने धीरे धीरे प्रकृति को विलुप्तता की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया, पर हमें यह मालूम होना चाहिए कि प्रकृति से हम है। अगर यह पर्यावरण नही होगा तो हम भी नही होंगे।
आज लाखों जीव विलुप्त होने के कगार पर है, और लाखों की संख्या में विलुप्त हो चुके है।
वैदिक काल :-
सिन्धु सभ्यता के बाद वैदिक संस्कृति अस्त्तित्व में आई। ऐसा माना जाता है कि भारत उपमहाद्वीप पर पहले आक्रमणकारी आर्य थे, आर्यों ने ही वैदिक संस्कृति को जन्म दिया। वैदिक काल 1500 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक माना जाता है।
आपको यहाँ एक बात ध्यान रखनी है कि वैदिक संस्कृति ग्रामीण थी जबकि सिन्धु सभ्यता नगरीय।
वैदिक काल को 2 भागों में बाँटा गया है।
1). ऋग्वैदिक काल
2). उत्तरवैदिक काल
वैदिक काल से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
1).ऋग्वैदिक काल में सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी सिन्धु नदी थी।
2).ऋग्वैदिक काल मे सरस्वती नदी को नदीतमा, अम्बितमे,देवितमे कहा गया है।
3).ऋग्वैदिक काल की सबसे छोटी राजनीतिक इकाई ग्राम थी।
4).ग्रामों के समूह को विश कहा जाता था, जिसका प्रधान विशपति होता था। और अनेक विशो का समूह जन कहलाता था, जिसका मुखिया जनपति कहलाता था।
5).ऋग्वैदिक काल मे सभा व समिति का भी उल्लेख मिलता है, जिसको हम आज के समय में लोकसभा और राज्यसभा से compare कर सकते है।
6). ऋग्वेद में इंद्र को पुरन्दर की उपाधि दी गयी है, या कहा गया है। ऋग्वैदिक काल में इन्द्र को ही प्रमुख देवता माना जाता था।
7). ऋग्वैदिक काल में राजा को भूमि का स्वामी ना कहकर युद्ध का स्वामी कहा जाता था।
8). समिति को राजा को नियुक्त करने व हटाने का अधिकार प्राप्त था।
9). ऋग्वैदिक काल मे पुरोहित सबसे प्रमुख पदाधिकारी होता था।
10). ऋग्वैदिक काल मे जनता की गतिविधियों पर ध्यान रखने वाले गुप्तचरों को स्पश कहा जाता था।
11). परिवार के मुखिया को कुलप कहा जाता था।
12). शुद्र शब्द का सर्वप्रथम ऋग्वेद के 10 वे मण्डल में मिलता है।
13). आपको ध्यान रहना चाहिए कि ऋग्वैदिक काल मे पुनर्विवाह प्रचलित था। सती प्रथा का उल्लेख नही मिलता है।
14). स्त्रियों को यज्ञ करने का अधिकार प्राप्त था।
15). इस समय आर्थिक जीवन के लिए मूल आधार कृषि व पशुपालन था।
16). आर्य गायों को बहुत सम्मान देते थे, ऐसा कहा जाता है कि अधिकतर लड़ाईया गायों के लिए ही होती थी।
17). कृषि योग्य भूमि को उर्वरा कहा जाता था।
18). आर्यों का उपयोगी पशु घोड़ा था, आपको पता होना चाहिए कि सिन्धु सभ्यता के लोगों को घोड़े के बारे में जानकारी प्राप्त नही थी,
19). ऋग्वैदिक काल मे नमक का उल्लेख नही मिलता है।
20). ऋग्वैदिक काल में आर्य लोहे से परिचित नही थे।
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