भारतीय संविधान की प्रस्तावना || भारत का संविधान

भारतीय संविधान की प्रस्तावना

भारतीय संविधान की प्रस्तावना
1. सर्वप्रथम किस देश ने प्रस्तावना को संविधान का भाग बनाया ?
अ. भारत
ब. अमेरिका
स. फ्रांस
द. चीन
उत्तर – ब
व्याख्या – अमेरिका ने सबसे पहले अपने संविधान मे प्रस्तावना को सम्मिलित किया। प्रस्तावना संविधान का परिचय या सार होती है।
2. प्रस्तावना को ‘संविधान का परिचय – पत्र’ किसने कहा?
अ. प. जवाहलाल नेहरू
ब. बी. आर. अम्बेडकर
स. एन. ए. पालकीवाला
द. एम.एन. रॉय
उत्तर – स
3. निम्न में से किस प्रकार के न्याय का उल्लेख भारतीय संविधान की प्रस्तावना में नहीं किया गया हैं?
अ. सांस्कृतिक
ब. सामाजिक
स. आर्थिक
द. राजनीतिक
उत्तर – अ
प्रस्तावना में सांस्कृतिक न्याय का उल्लेख कही नहीं किया गया हैं। प्रस्तावना में निहित सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय को रूसी क्रांति से लिया गया हैं।
4. प्रस्तावना में कितनी प्रकार की स्वतंत्रताओं का उल्लेख मिलता है?
अ. 4
ब. 5
स. 6
द. 7
उत्तर – ब
प्रस्तावना में 5 प्रकार की  स्वतंत्रताओं का वर्णन किया गया है – विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना कि स्वतंत्रता।
5. 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में कौनसे शब्द जोड़ें गए –
अ. संप्रभुता, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष
ब. प्रतिष्ठा और अवसर की समता
स. एकता, अखंडता, बंधुता
द. समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, अखंडता
उत्तर – द
अभी तक प्रस्तावना में एक बार संशोधन किया गया है। 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा प्रस्तावना में समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखंडता शब्द जोड़े गए।
6. प्रत्यक्ष लोकतंत्र का उदाहरण है –
अ. स्विट्जरलैंड
ब. भारत
स. अमेरिका
द. फ्रांस
उत्तर – अ
स्विट्जरलैंड एकमात्र देश है जहां प्रत्यक्ष लोकतंत्र है। प्रत्यक्ष लोकतंत्र अर्थात् जहां कोई प्रतिनिधि या मध्यस्थ नहीं होता है और लोग अपनी शक्ति का प्रयोग प्रत्यक्ष रूप से करते है।
प्रत्यक्ष लोकतंत्र के चार मुख्य साधन है – परिपृच्छा, पहल, प्रत्यावर्तन और जनमत संग्रह।
7. हमारी प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व के आदर्शों को कहा से लिया गया हैं?
अ. गौरवमय क्रांति (1688)
ब. रूसी क्रांति (1917)
स. फ्रांसीसी क्रांति (1789)
द. अमेरिकी क्रांति (1775-76)
उत्तर – स
प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व के आदर्शों को फ्रांसीसी क्रांति (1789 – 1799 ई.) से लिया गया हैं।
8. किस वाद ने प्रस्तावना को संविधान का भाग नहीं माना?
अ. बेरुबारी वाद (1960)
ब. केशवानंद भारती वाद (1973)
स. मेनका गांधी वाद (1978)
द. एल.आई.सी. ऑफ इंडिया वाद (1995)
उत्तर – अ
बेरूबारी संघ वाद (1960)में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का भाग नहीं हैं।
9. प्रस्तावना को ‘संविधान का कुंजी नोट’ किसने कहा?
अ. आइवर जेनिंग्स
ब. मैक्सी
स. मेकलॉवेन
द. अर्नेस्ट बार्कर
उत्तर – द
10. “संविधान की प्रस्तावना हमारे दीर्घकालिक सपनों का विचार है” उक्त कथन किसका है?
अ. अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
ब. के. एम. मुंशी
स. प. ठाकुरदास भार्गव
द. एम. हिदायतुल्लाह
उत्तर – अ
उक्त कथन अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर का है।
*के. एम. मुंशी – “प्रस्तावना हमारी संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य का भविष्यफल है”।
*प. ठाकुरदास भार्गव के अनुसार – प्रस्तावना संविधान का सबसे सम्मानित भाग, संविधान की आत्मा, संविधान की कुंजी, संविधान का आभूषण है। यह एक उचित स्थान है जहां से कोई भी संविधान का मूल्यांकन कर सकता है।
*एम. हिदायतुल्लाह के अनुसार – प्रस्तावना अमेरिका की स्वतन्त्रता की घोषणा के समान है, लेकिन यह घोषणा से भी ज्यादा संविधान की आत्मा है, जिसमें हमारे राजनीतिक समाज के तौर – तरीकों को दर्शाया गया है। इसमें एक गंभीर संकल्प शामिल हैं, जिन्हें एक क्रांति ही परिवर्तित कर सकती है।
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Lokesh Tanwar

अभी कुछ ख़ास है नहीं लिखने के लिए, पर एक दिन जरुर होगा....

2 thoughts on “भारतीय संविधान की प्रस्तावना || भारत का संविधान

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