लेपाक्षी मन्दिर का रहष्य || कला एवम् संस्कृति

लेपाक्षी मन्दिर

लेपाक्षी मन्दिर का रहष्य

1. यह मंदिर आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित है।

2. यह उत्तरी बंगलुरू से लगभग १२० किलोमीटर दूर है।

3. यह मन्दिर एक कछुए के खोल कि तरह बने एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।

4.  इस मंदिर को हैंगिंग पिलर टेंपल के में से भी जाना जाता है।

5.  यह मंदिर 70 खंभो पर खड़ा है, जहां एक खंभा जमीन को छूता नहीं है बल्कि हवा में लटका है।

6.  इसी खंभे की वजह से इसे हैंगिंग पिलर टेंपल के नाम से जाना जाता है।

7.  यह स्तम्भ लम्बाई में 27 फुट और ऊंचाई में 15 फुट एक नक्काशीदार स्तम्भ है।

8.  इस मंदिर के सभी स्तम्भों को आकाश स्तम्भ के नाम से जाना जाता है।

9.  इस मंदिर में इष्ट देव वीरभद्र है।

10.  इस मंदिर का निर्माण सन् 1583 में दो भाईयो विरूपन्ना और वीरन्ना ने किया था, जो विजयनगर राजा के यहां काम करते थे।

11. दक्षिण भारत में यह स्थान तीन मंदिरों के कारण प्रसिद्ध है जो भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान विदर्भ को समर्पित है।

12.  पौराणिक मान्यता के अनुसार लेपाक्षी मंदिर के परिसर में स्थित वीरभद्र मन्दिर का निर्माण ऋषि अगस्त्य ने करवाया था।

13.  इस मंदिर में झूलते खंभे के अतिरिक्त एक और दर्शनीय स्थल है जो कि एक विशालकाय पैर का निशान है। लोग इसे त्रेता युग का साक्ष्य भी मानते है।
कुछ लोगो के अनुसार यह निशान माता सीता के पैर का है, तो कुछ लोग इसे भगवान राम के पैर का निशान मानते है।

14.  यह वही स्थल है जहां जटायू के भगवान राम को माता सीता का पता बताया था।

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Lokesh Tanwar

अभी कुछ ख़ास है नहीं लिखने के लिए, पर एक दिन जरुर होगा....

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